18
कूस के बिरूध एक अगमबानी
1 सन-सन करत डेना*या फांफामन के फड़फड़ाहट के ओ देस ऊपर हाय,
जऊन ह कूस†नील के ऊपर के इलाका के नदीमन के संग-संग फईले हवय,
2 अऊ जऊन ह समुंदर के रसता ले
पानी म नरकट के डोंगामन के दुवारा दूतमन ला ये कहिके पठोथे।
हे तेज चलइया दूतमन,
ओ मनखेमन करा जावव, जेमन ऊंच अऊ चिकना चमड़ी के अंय,
जेमन के भय मनखेमन के मन म दूरिहा-दूरिहा तक हवय,
ओमन अजीब भासा बोलइया एक हमलावर जाति अंय,
अऊ ओमन के देस ह नदीमन के दुवारा बंटे हवय।
3 हे संसार के जम्मो मनखेमन,
तुमन जेमन धरती म रहिथव,
जब एक झंडा ह पहाड़ ऊपर खड़े करे जाही,
त तुमन ओला देखहू,
अऊ जब तुरही ह फूंके जाही,
त तुमन ओकर अवाज सुनहू।
4 यहोवा ह मोला ये कहत हे:
“घाम के तेज गरमी अऊ कटनी के गरमी म
ओस के बादर सहीं
मेंह चुपचाप रहिहूं अऊ अपन निवास ले देखहूं।”
5 काबरकि कटनी के पहिले, जब फूलमन खतम हो जाथें
अऊ फूल ह पके अंगूर बन जाथे,
तब ओह अंकुरमन ला चाकू ले काट डारही,
अऊ काटके फईले डालीमन ला अलग कर दीही।
6 ओमन ला सिकार करइया पहाड़ी चिरईमन बर
अऊ जंगल के पसुमन बर छोंड़ दिये जाही;
चिरईमन पूरा घाम के महिना म
अऊ जंगली पसुमन पूरा जाड़ के महिना म ओमन ला खाहीं।
7 ओ समय सर्वसक्तिमान यहोवा बर ओ मनखेमन के दुवारा भेंट लाने जाही
जेमन ऊंच अऊ चिकना चाम के होहीं,
जेमन ले पास अऊ दूरिहा के मनखेमन डरथें,
जेमन अजीब भासा बोलइया हमलावर जाति के होहीं,
जेमन के देस ह नदीमन के दुवारा बंटे होही—
ओ भेंटमन ला सियोन पहाड़, सर्वसक्तिमान यहोवा के नांव के जगह म लाने जाही।