19
मिसर के बिरूध अगमबानी
1 मिसर के बिरूध अगमबानी:
देखव, यहोवा तेज उड़इया बादर म चघके
मिसर म अवइया हवय।
ओकर आघू म मिसर के मूरतीमन कांपहीं,
अऊ मिसरीमन के मन ह डर के मारे पिघल जाही।
2 “मेंह मिसरीमन ला मिसरीमन के बिरूध भड़काहूं—
भाई ह भाई के बिरूध लड़ही,
परोसी ह परोसी के बिरूध,
नगर ह नगर के बिरूध,
अऊ राज ह राज के बिरूध लड़ही।
3 तब मिसरीमन के हिम्मत टूट जाही,
अऊ मेंह ओमन के उपाय ला बिफल कर दूहूं;
ओमन अपन मूरतीमन ले अऊ मरे आतमामन ले,
बईगा अऊ झाड़-फूंक करइयामन ले पुछहीं।
4 मेंह मिसरीमन ला एक निरदयी
हाकिम के हांथ म सऊंप दूहूं,
अऊ एक भयंकर राजा ह ओमन ऊपर सासन करही,”
परभू, सर्वसक्तिमान यहोवा ह घोसना करत हे।
5 तब नदी के पानी सूखा जाही,
अऊ नदी के तला तक सूखा जाही।
6 नरवामन ले बदबू आही,
अऊ मिसर के सोतामन घलो सूखके खाली हो जाहीं।
नरकट अऊ हरियर चीजमन मुरझा जाहीं,
7 नील नदी के तीर के पऊधामन घलो,
नदी के मुंहाटी म जामे पऊधामन सूखके नास हो जाहीं।
नील नदी के तीर के खेतमन म बोये गय बीजा
सूखा जाही, ओह उड़िहा जाही अऊ ओकर पता नइं चलही।
8 ओ जम्मो जेमन नील नदी म गरी खेलथें,
ओ मछुआरमन रोहीं अऊ बिलाप करहीं;
जेमन मछरी धरे बर पानी म जाल डालथें
ओमन सोक मनाहीं।
9 जेमन सन के सूंत बनाथें, ओमन निरास होहीं,
सुघर मलमल के ओनहा बुनइयामन के आसा टूट जाही।
10 ओनहा के धंधा करइयामन उदास होहीं,
अऊ जम्मो मजदूरमन दुखित हो जाहीं।
11 सोअन सहर के हाकिममन तो एकदम मुरूख अंय;
फिरौन के बुद्धिमान सलाहकारमन के सलाह बिलकुल बेकार अय।
तें फिरौन ले कइसे कह सकत हस,
“मेंह एक बुद्धिमान आदमी अंव,
पुराना जमाना के राजामन के एक चेला अंव”?
12 अब तोर बुद्धिमान आदमीमन कहां हवंय?
सर्वसक्तिमान यहोवा ह
मिसर देस के बिरूध जऊन योजना बनाय हवय
ओला ओ बुद्धिमान मनखेमन दिखावंय अऊ तोला बतावंय।
13 सोअन के हाकिममन मुरूख हो गे हवंय,
मेमफीस के अगुवामन धोखा खाय हवंय;
ओकर मनखेमन के मुखियामन
मिसर ला भरमा दे हवंय।
14 यहोवा ह ओमन म
एक चक्कर देवइया आतमा डार दे हवय;
ओमन मिसर ला ओकर जम्मो काम म भटका देवत हें,
जइसे मतवार ह अपन उछरे चीज के चारों कोति डगमगावत रहिथे।
15 मिसर ह कुछू नइं कर सकय—
मुड़ी या पुंछी, खजूर के डंगाली या सरकंडा।
16 ओ समय मिसरीमन दुरबल परानी हो जाहीं। सर्वसक्तिमान यहोवा ओमन के बिरूध जऊन हांथ उठाही, ओकर कारन, डर के मारे ओमन कांपे लगहीं। 17 अऊ यहूदा के देस ह मिसरीमन ला आतंकित करही; जेकर ले घलो यहूदा के चरचा करे जाही, ओह भयभीत होही, ये सब ओ योजना के कारन होही, जेला सर्वसक्तिमान यहोवा ह मिसरीमन के बिरूध करत हे।
18 ओ दन म मिसर देस म पांच सहर होहीं, जेकर मनखेमन कनान देस के भासा बोलहीं अऊ सर्वसक्तिमान यहोवा के भक्ति बर किरिया खाहीं। ओमा से एक ठन सहर के नांव सूरज*मासोरेटिक ग्रंथ के जादा हस्तलिपि म बिनास के सहर होही।
19 ओ दिन म मिसर देस के बीच म यहोवा बर एक बेदी होही, अऊ ओकर सीमना म यहोवा बर एक स्मारक होही। 20 मिसर देस म येह यहोवा बर एक चिनहां अऊ गवाही होही। अपन ऊपर अंधेर करइयामन के कारन, जब ओमन यहोवा ला पुकारहीं, तब ओह ओमन बर एक उद्धारकर्ता अऊ ओमन के रकछा करइया ला भेजही, अऊ ओह ओमन ला छोंड़ाही। 21 ये किसम ले यहोवा अपनआप ला मिसरीमन ऊपर परगट करही, अऊ ओ दिन ओमन यहोवा ला चिनहीं। ओमन बलिदान अऊ अन्न-बलिदान चघाके ओकर उपासना करहीं; ओमन यहोवा बर मन्रत रखहीं अऊ ओला पूरा घलो करहीं। 22 यहोवा ह मिसर देस ऊपर एक महामारी लानही; ओह ओमन ला मारही अऊ ओमन ला चंगा घलो करही। ओमन यहोवा कोति फिरहीं, अऊ ओह ओमन के बिनती सुनके ओमन ला चंगा करही।
23 ओ दिन म मिसर ले अस्सूर तक एक राजमार्ग होही। अस्सूरीमन मिसर देस जाहीं अऊ मिसरीमन अस्सूर देस जाहीं। अऊ मिसरीमन अस्सूरीमन के संग मिलके अराधना करहीं। 24 ओ दिन म धरती ऊपर इसरायल ह तीसरा देस होही, जेकर नांव मिसर अऊ अस्सूर के संग आसीसित देस के रूप म लिये जाही। 25 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहिके ओमन ला आसीस दीही, “धइन होवंय मिसर म मोर मनखेमन, मोर हांथ के बनाय अस्सूर अऊ मोर उत्तराधिकार इसरायल।”