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दूसरमन बर उद्धार
1 यहोवा ह ये कहत हे:
“नियाय ला बनाय रखव
अऊ ओ काम करव, जऊन ह सही ए,
काबरकि में जल्दी ही तुम्हर उद्धार करहूं,
अऊ मोर धरमीपन ह जल्दी परगट होही।
2 धइन ए ओ मनखे, जऊन ह ये करथे—
ओ मनखे, जऊन ह येमा अटल रहिथे,
जऊन ह येकर धियान रखथे कि बिसराम दिन ह अपबितर झन होवय,
अऊ अपन हांथ ला कोनो घलो बुरई के काम करे ले रोकथे।”
3 जऊन परदेसी ह यहोवा ले जुड़े हवय, ओह ये झन कहय,
“यहोवा ह मोला अपन मनखेमन ले जरूर अलग कर दीही।”
अऊ कोनो कोचिया*या हिजड़ा ये सिकायत झन करय,
“मेंह तो सिरिप एक सूखा रूख अंव।”
4 काबरकि यहोवा ह ये कहत हे:
“ओ कोचियामन, जेमन मोर बिसराम दिन ला मानथें,
जेमन ओ चीज ला चुनथें, जऊन ह मोला बने लगथे
अऊ मोर करार म मजबूती से बने रहिथें—
5 ओमन ला में अपन मंदिर अऊ येकर भीथीमन के भीतर
एक स्मारक अऊ एक नांव दूहूं
जऊन ह बेटा अऊ बेटीमन ले कहीं उत्तम होही;
मेंह ओमन ला सदाकाल के एक नांव दूहूं
जऊन ह हमेसा बने रहिही।
6 अऊ परदेसी, जेमन अपनआप ला यहोवा ले जोड़े रखथें
ताकि ओकर सेवा-टहल करंय,
यहोवा के नांव ले मया रखंय,
अऊ ओकर सेवक बनंय,
ओ जम्मो जेमन धियान रखथें कि बिसराम दिन ह अपबितर झन होवय
अऊ जेमन मोर करार म मजबूती से बने रहिथें—
7 ओमन ला में अपन पबितर पहाड़ म लानहूं
अऊ ओमन ला पराथना के मोर घर म आनंदित करहूं।
ओमन के होम-बलिदान अऊ मेल-बलिदान
मोर बेदी ऊपर गरहन करे जाहीं;
काबरकि मोर भवन ह जम्मो जाति के मनखेमन बर
पराथना के घर कहे जाही।”
8 परमपरधान यहोवा ह घोसना करत हे—
जऊन ह इसरायल ले निकाले गय मनखेमन ला इकट्ठा करथे:
“जेमन इकट्ठा करे गे हवंय
ओमन के संग मेंह आने मन ला घलो इकट्ठा करके मिला दूहूं।”
दुस्टमन के बिरूध परमेसर के चेतउनी
9 हे मैदान के जम्मो पसुमन, आवव,
हे जंगल के जम्मो पसुमन, आवव अऊ खावव!
10 इसरायल के पहरेदारमन अंधवा अंय,
ओ जम्मो म गियान के कमी हवय;
ओमन सब के सब कोंदा कुकुर अंय,
जेमन भूंके नइं सकंय;
ओमन पड़े रहिथें अऊ सपना देखथें,
ओमन ला नींद बहुंत बने लगथे।
11 ओमन बहुंत खानेवाला कुकुर अंय;
ओमन के पेट कभू नइं भरय।
ओमन अइसन चरवाहा अंय, जेमन म समझ नइं ए;
ओमन जम्मो अपन खुद के डहार म चलथें,
ओमन अपन खुद के फायदा ला देखथें।
12 ओमा के हर एक ह चिचियाके कहिथे, “आवव, में अंगूर के मंद लेके आवत हंव!
आवव, हमन छकके मंद पीयन!
अऊ कल के दिन घलो आज के सहीं होही,
या येकर ले घलो बेहतर होही।”