भजन-संहिता 24
दाऊद के एक भजन।
1 धरती अऊ येमा के हर एक चीज यहोवा के अय,
संसार, अऊ ओ जम्मो जेमन येमा रहिथें;
2 काबरकि ओह एकर नीव समुंदरमन के ऊपर रखिस
अऊ पानी के ऊपर येला इस्थिर करिस।
3 यहोवा के पहाड़ ऊपर कोन चढ़ सकत हे?
ओकर पबितर स्थान म कोन ठाढ़ हो सकत हे?
4 ओह, जेकर काम सही अऊ हिरदय सुध हवय,
जऊन ह मूरती ऊपर भरोसा नइं करय
या लबरा ईस्वर के सपथ नइं खावय।
5 ओह यहोवा ले आसीस पाही
अऊ ओला अपन उद्धार करइया परमेसर ले सुरकछा मिलही।
6 अइसने ही होथे ओमन के पीढ़ी, जऊन मन परमेसर के खोज करथें,
हे याकूब के परमेसर, जऊन मन तोर दरसन के खोज म रहिथें।
7 हे दुवारमन, अपन मुड़ ला ऊंचा करव;
हे पुराना जमाना के कपाटमन, ऊपर उठव,
ताकि महिमा के राजा ह भीतर आवय।
8 ये महिमा के राजा कोन ए?
यहोवा, जऊन ह बलवान अऊ सक्तिसाली ए,
यहोवा, जऊन ह लड़ई म सक्तिसाली ए।
9 हे दुवारमन, अपन मुड़ ला ऊंचा करव;
हे पुराना जमाना के कपाटमन, ऊपर उठव,
ताकि महिमा के राजा ह भीतर आवय।
10 ये महिमा के राजा कोन ए?
सर्वसक्तिमान यहोवा—
ओह महिमा के राजा अय।