भजन-संहिता 23
दाऊद के एक भजन।
1 यहोवा ह मोर चरवाहा अय, मोला कुछू घटी नइं होवय।
2 ओह मोला हरियर-हरियर चरागन म अराम कराथे,
ओह मोला सांत पानी के तीर म ले जाथे,
3 ओह मोर जीव ला तरो-ताजा कर देथे।
अपन नांव के खातिर
ओह मोला धरमीपन के रसता म ले चलथे।
4 चाहे मेंह घिटके अंधियार के
घाटी*या मिरतू के छइहां के घाटी म ले होके जावंव,
तभो ले कोनो अहित होय ले नइं डरंव,
काबरकि तेंह मोर संग रहिथस;
तोर सुंटी अऊ तोर लउठी ले
मोला अराम मिलथे।
5 तेंह मोर बईरीमन के आघू म
मोर बर जेवन के मेज सजाथस।
तेंह मोर मुड़ ला तेल ले अभिसेक करथस;
मोर कटोरा ह छलकत हे।
6 खचित तोर भलई अऊ मया
मोर जिनगी भर मोर संग रहिही,
अऊ मेंह सदा-सर्वदा यहोवा के घर म
निवास करहूं।