किताब II
42
भजन-संहिता 42–72 *इबरानी म 42:1‑11 ला 42:2‑12 गने गे हवय अऊ बहुंत इबरानी मूल अनुवाद म भजन-संहिता 42 अऊ 43 ला एक भजन कहे गे हवय
संगीत के निरदेसक बर कोरह के बेटामन के एक मसकीलसंभवतः संगीत के एक सबद
जइसे हिरन ह पानी के सोता बर हांफथे,
हे मोर परमेसर, वइसे ही मोर जीव ह तोर बर हांफथे।
मोर जीव ह परमेसर बर, जीयत परमेसर बर पीयासा हवय।
कब मेंह जाके परमेसर संग मिल सकत हंव?
रात अऊ दिन
मेंह अपन आंखी के आंसू ला पीयत हंव,
जबकि दिन भर मनखेमन मोला कहिथें,
“कहां हवय तोर परमेसर?”
जब मेंह अपन मन के बात ला रखथंव,
त मोला ये बातमन सुरता आथें:
मेंह कइसे उत्सव मनावत भीड़ के संग
परमेसर के सुरकछा म
आनंद अऊ परसंसा के जय-जयकार करत
परमेसर के घर म जाय के आदि रहेंव।
 
हे मोर मन, तेंह काबर उदास होवत हस?
तेंह भीतरे-भीतर काबर बियाकुल हस?
परमेसर ऊपर अपन आसा रख,
काबरकि मेंह अब भी
मोर उद्धारकर्ता अऊ मोर परमेसर के
परसंसा करहूं।
 
मोर मन ह भीतरे-भीतर उदास हवय;
एकरसेति यरदन के देस ले,
हेरमोन के ऊंचई—मिसार पहाड़ ले
मेंह तोला सुरता करहूं।
तोर जल-परपात के गरजन म
गहरई ह गहरई ला पुकारथे;
तोर जम्मो पानी के उफान अऊ लहरामन
मोर ऊपर ले निकले हवंय।
 
दिन के बेरा यहोवा ह अपन मया देखाथे,
अऊ रथिया मेंह ओकर गीत गाथंव—
मोर जिनगी के परमेसर बर पराथना के गीत।
 
मेंह परमेसर अपन चट्टान ला कहिथंव,
“तेंह काबर मोला भुला गे हस?
बईरीमन के दुवारा सताय जाके
मेंह काबर सोक मनावंव?”
10 जब मोर बईरीमन ये कहिके
दिन भर मोला ताना मारथें,
“कहां हे तोर परमेसर?”
त मोर हाड़ामन पीरा म चूर-चूर हो जाथें।
 
11 हे मोर मन, तेंह काबर उदास होवत हस?
मोर भीतरे-भीतर काबर अतेक बियाकुल हस?
परमेसर ऊपर अपन आसा रख,
काबरकि मेंह अब भी
मोर उद्धारकर्ता अऊ मोर परमेसर के परसंसा करहूं।

*^ इबरानी म 42:1‑11 ला 42:2‑12 गने गे हवय अऊ बहुंत इबरानी मूल अनुवाद म भजन-संहिता 42 अऊ 43 ला एक भजन कहे गे हवय

^ संभवतः संगीत के एक सबद