भजन-संहिता 98
एक भजन।
यहोवा बर एक नवां गीत गावव,
काबरकि ओह अद्भूत काम करे हवय;
ओकर जेवनी हांथ अऊ ओकर पबितर बाहां ह
ओकर बर उद्धार के काम करे हवय।
यहोवा ह जाति-जाति के मनखेमन ला अपन करे गय उद्धार ला बताय हवय
अऊ ओमन ऊपर अपन धरमीपन ला परगट करे हवय।
ओह इसरायल बर अपन मया
अऊ अपन बिसवासयोग्यता ला सुरता करे हवय;
धरती के जम्मो छोर तक मनखेमन
हमर परमेसर के करे गय उद्धार ला देखे हवंय।
 
हे धरती के जम्मो मनखेमन, यहोवा बर आनंद के मारे चिचियावव,
बाजा बजाके आनंद के गीत जोर-जोर से गावव;
बीना बजाके यहोवा के इस्तुति करव,
बीना बजाके गीत गावत ओकर इस्तुति करव,
तुरही अऊ नरसिंगा के ऊंचहा अवाज के संग
यहोवा, हमर राजा के आघू म आनंद के मारे जय-जयकार करव।
 
समुंदर, अऊ येमा के जम्मो चीज,
संसार, अऊ येमा रहइया जम्मो चीज जय-जयकार करंय।
नदीमन ताली बजावंय,
पहाड़मन एक संग आनंद के गीत गावंय;
ओमन ला यहोवा के आघू म गावन दव,
काबरकि ओह धरती के नियाय करे बर आथे।
ओह संसार के नियाय धरमीपन के संग
अऊ मनखेमन के नियाय बरोबरी के अधार म करही।