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यहोवा ह यरूसलेम ला आसीस देय के वायदा करथे
1 सर्वसक्तिमान यहोवा के बचन ह मोर करा आईस।
2 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “सियोन बर मोला अब्बड़ जलन होवत हे; मेंह ओकर बर जलन ले जरत हंव।”
3 यहोवा ह ये कहत हे: “मेंह वापिस सियोन जाहूं अऊ यरूसलेम म निवास करहूं। तब यरूसलेम ला बिसवासयोग्य सहर कहे जाही, अऊ सर्वसक्तिमान यहोवा के पहाड़ ला पबितर पहाड़ कहे जाही।”
4 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “एक बार फेर यरूसलेम के गलीमन म डोकरा अऊ डोकरीमन बईठहीं अऊ बहुंत उमर होय के कारन हर एक के हांथ म लउठी होही। 5 सहर के गलीमन उहां खेलत बाबू-नोनीमन ले भरे होहीं।”
6 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “ओ समय मनखेमन के बांचेमन ला ये अद्भूत लग सकथे, पर का येह मोला अद्भूत लगही?” सर्वसक्तिमान यहोवा ह घोसना करत हे।
7 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “मेंह अपन मनखेमन ला पूरब अऊ पछिम के देसमन ले बचाहूं। 8 मेंह ओमन ला यरूसलेम म रहे बर वापिस ले आहूं; ओमन मोर मनखे होहीं, अऊ मेंह ओमन के परमेसर के रूप म ओमन बर बिसवासयोग्य अऊ धरमी ठहिरहूं।”
9 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “अब तुमन ये बात ला सुनव, ‘तुम्हर हांथमन मजबूत रहंय ताकि मंदिर ला बनाय जा सकय।’ ये बात ओ अगमजानीमन के दुवारा घलो कहे गे हवय, जऊन मन सर्वसक्तिमान यहोवा के घर के नीव डाले के बेरा उहां रिहिन। 10 ओ समय के पहिले न तो मनखेमन ला बनी मिलत रिहिस अऊ न ही पसुमन बर भाड़ा। अपन बईरीमन के कारन, कोनो घलो अपन काम-धंधा म सांत मन से नइं जाय सकत रिहिन, काबरकि मेंह ओमन ला एक-दूसर के बिरूध कर दे रहेंव। 11 पर अब मेंह येमन के बांचे मनखेमन ले वइसने बरताव नइं करंव, जइसने कि पहिले करत रहेंव,” सर्वसक्तिमान यहोवा ह घोसना करत हे।
12 “बीजा ह बने ढंग ले बढ़ही, अंगूर के नार म फर लगही, भुइयां म फसल होही, अऊ अकास ले ओस*या बारिस पड़ही। मेंह ये जम्मो चीज येमन के बांचे मनखेमन ला एक उत्तराधिकार के रूप म दूहूं। 13 जइसे कि हे यहूदा अऊ इसरायल, तुमन जाति-जाति के मनखेमन के बीच एक सराप बन गे हवव, त मेंह तुमन ला बचाहूं, अऊ तुमन एक आसीस के कारन बनहू। झन डरव, पर तुम्हर हांथ मजबूत बने रहय।”
14 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “जब तुम्हर पुरखामन मोला कोरोधित करे रिहिन, त जइसने मेंह तुम्हर ऊपर बिपत्ति लाने अऊ दया नइं करे बर ठान ले रहेंव,” सर्वसक्तिमान यहोवा ह कहत हे, 15 “वइसने ही अब मेंह यरूसलेम अऊ यहूदा ऊपर फेर भलई करे बर ठान ले हवंव। झन डरव। 16 येमन ओ बात अंय, जेला तुमन ला करना हे: एक-दूसर के संग सच बोलव, अऊ अपन अदालतमन म सच अऊ सही निरनय लेय करव; 17 एक-दूसर के बिरूध दुस्ट चाल झन चलव, अऊ लबरा कसम झन खावव। काबरकि मेंह ये जम्मो बात ले घिन करथंव,” यहोवा ह घोसना करत हे।
18 सर्वसक्तिमान यहोवा के ये बचन ह मोर करा आईस।
19 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “चऊथा, पांचवां, सातवां अऊ दसवां महिना के उपास ह यहूदा के मनखेमन बर आनंद अऊ खुसी के समय अऊ खुसी के तिहार हो जाही। एकरसेति सच अऊ सांति ले मया करव।”
20 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “बहुंते मनखे अऊ कतको सहरमन के रहइयामन आहीं, 21 अऊ एक सहर के रहइयामन दूसर सहर म जाके कहिहीं, ‘आवव, यहोवा ले बिनती करे बर तुरते चलन अऊ सर्वसक्तिमान यहोवा के खोज करन। मेंह खुद जावत हंव।’ 22 अऊ बहुंते मनखे अऊ सक्तिसाली जातिमन के मनखेमन सर्वसक्तिमान यहोवा ला खोजे अऊ ओकर ले बिनती करे बर यरूसलेम आहीं।”
23 सर्वसक्तिमान यहोवा ह ये कहत हे: “ओ दिनमन म जम्मो भासा अऊ जातिमन ले दस मनखेमन एक यहूदी मनखे ला ओकर कपड़ा के छोर ला पकड़के कहिहीं, ‘हमन तोर संग जाबो, काबरकि हमन ये सुने हन कि परमेसर ह तोर संग हवय।’ ”