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दूसरी विपत्ति
मेंढ़कों को आक्रमन
1 तब परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, “फिरौन राजा को जवर जावो अऊर बोल, ‘परमेश्वर तोरो सी असो कह्य हय : मोरो लोगों ख जान दे कि हि मोरी आराधना कर सकय।
2 पर यदि उन्ख जान नहीं देजो त सुन, मय मेंढकों ख भेज क तोरो पूरो देश ख हानि पहुंचान वालो हय।
3 अऊर नील नदी मेंढकों सी भर जायेंन, मेंढका नदी म सी निकल क तुम्हरो घरों म, तुम्हरो बिस्तर पर, तुम्हरो सेवकों को घरों म अऊर पूरी प्रजा को घरों म भी भर जायेंन यहां तक कि तुम्हरो तन्दूरों म यां तुम्हरो आटा गूथन को बर्तन म भी भर जायेंन;
4 तोरो अऊर तोरी प्रजा अऊर तोरो कर्मचारियों, सब को शरीर पर मेंढका चढ़ जायेंन’।”
5 तब परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, “हारून सी कह्यजो कि नदियों, नहरों, अऊर झीलों को ऊपर लाठी को संग अपनो हाथ बढ़ा कि मेंढकों पूरो मिस्र देश पर चढ़ जाये।”
6 तब हारून न मिस्र देश को झीलों पर हाथ बढ़ायो; अऊर मेंढकों न बाहेर निकल क पूरो मिस्र देश ख झाक दियो।
7 अब जादूगर न भी अपनो तंत्र-मंत्रों सी वसोच मिस्र देश पर मेंढकों ख ले आये।
8 फिरौन न मूसा अऊर हारून ख बुलाय क कह्यो, “अपनो परमेश्वर सी बिनती कर कि इन मेंढकों ख मोरो सी अऊर मोरी प्रजा सी दूर कर दे; अऊर मय इस्राएली लोगों ख जान देऊं। जेको सी हि परमेश्वर लायी बलिदान कर सकय।”
9 मूसा न फिरौन राजा ख उत्तर दियो, “तय मोख आदेश दे कि अब मय तोरो, अऊर तोरो कर्मचारियों, अऊर तोरो लोगों लायी, कब बिनती करूं, कि परमेश्वर तोरो जवर सी अऊर तोरो घरों सी मेंढकों ख दूर करे, अऊर हि केवल नील नदी मच रहे।”
10 फिरौन राजा न उत्तर दियो, “कल मोरो लायी प्रार्थना करो।” मूसा न कह्यो, “जसो तय कह्य हंय, वसोच होयेंन, जेकोसी तोख समझ आय जायेंन कि हमरो परमेश्वर को समान कोयी दूसरो नहाय।
11 अऊर मेंढका तोरो जवर सी तोरो घरों म सी अऊर तोरो कर्मचारियों अऊर तुम्हरी प्रजा को जवर सी दूर कर दियो जायेंन अऊर केवल नील नदी म रहेंन।”
12 तब मूसा अऊर हारून फिरौन राजा को जवर सी बाहेर चल्यो गयो; मूसा न मेंढकों को जान को बारे म परमेश्वर सी बिनती करी। जो राजा पर लायो होतो,
13 परमेश्वर न मूसा को कहन को अनुसार करयो; अऊर मेंढका घरों, आंगनों, गावों अऊर खेतों को सब मेंढका मर गयो।
14 तब लोगों न मरयो हुयो मेंढका ख एक तरफ जमा करयो, अऊर पूरो देश दुर्गन्ध सी भर गयो।
15 जब फिरौन राजा न देख्यो कि मेंढका सब मर गयो अऊर परेशानी सब दूर भय गयी, ओन अपनो मन फिर सी कठोर कर क् मूसा अऊर हारून की बात नहीं सुनी, जसो परमेश्वर न कह्यो होतो।
तिसरी विपत्ति
पिसवां को झुण्ड
16 तब परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, “हारून ख आज्ञा दे, ‘तय अपनो लाठी उठाय क जमीन की धूल पर मार, जेकोसी पूरो मिस्र देश म धूल मच्छर बन जाये’।”
17 अऊर उन्न वसोच करयो; मतलब हारून न अपनो हाथ बढ़ाय क् लाठी ले क जमीन की धूल पर मारयो, तब मच्छरो न आदमी अऊर पशु दोयी ख पिसवा भय गयो, पूरो मिस्र देश म जमीन की धूल पिसवा बन गयो।
18 जादूगरों न अपनो तंत्र-मंत्रों को द्वारा पिसवा ख लावन की कोशिश करी; पर नहीं कर पायो। यो तरह आदमी अऊर जनावरों दोयी पर मच्छर बन्यो रह्यो।
19 तब जादूगरों न फिरौन राजा सी कह्यो, “यो परमेश्वर को काम आय।” पर फिरौन राजा को मन कठोर भय गयो, ओन मूसा अऊर हारून की बात नहीं सुनी। जसो परमेश्वर न कह्यो होतो।
चौथी विपत्ति
माखियों को झुण्ड
20 तब परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, “कल सुबेरे जल्दी उठ कर फिरौन राजा को जवर जावो जब ऊ नील नदी की तरफ जाये, तब ओको सी कह्यजो, ‘परमेश्वर तोरो सी यो कह्य हय : मोरो लोगों ख जान दे कि हि मोरी आराधना करेंन।
21 यदि तय मोरो लोगों ख नहीं जान देजो त सुन, मय तोरो पर अऊर तोरो कर्मचारियों अऊर तोरो प्रजा पर, अऊर तोरो घरों म झुण्ड को झुण्ड माखी भेजूं, अऊर मिस्रियों को घर अऊर उन्को रहन को जागा भी माखियों सी भर जायेंन।
22 पर ऊ दिन मय गोशेन देश ख जेको म मोरी प्रजा रह्य हय अलग करूं, अऊर ओख म माखियों को झुण्ड नहीं होयेंन; जेकोसी तय जान ले कि पूरी धरती पर मयच परमेश्वर आय।
23 मय अपनो लोगों अऊर तोरी प्रजा को बीच अन्तर करूं। यो चिन्ह चमत्कार कल प्रगट होयेंन’।”
24 अऊर परमेश्वर न वसोच करयो, फिरौन राजा को महल अऊर ओको कर्मचारियों को घरों म, अऊर पूरो मिस्र देश म माखियों सी झुण्ड को झुण्ड भर गयो, पूरो मिस्र देश माखियों को वजह नुकसान भय गयो।
25 तब फिरौन राजा न मूसा हारून ख बुलाय क कह्यो, “तुम जावो अऊर अपनो परमेश्वर लायी योच देश म बलिदान चढ़ावो।”
26 मूसा न कह्यो, “असो करनो उचित नहीं होयेंन; कहालीकि हम अपनो परमेश्वर यहोवा लायी असी मिस्रियों को जनावर बलिदान करबोंन; जेक मिस्र को लोग घृणित समझय हय। मिस्रियों को देखतो असी बलिदान करबोंन त का हि हम पर गोटा नहीं मारेंन?
27 हम सुनसान जागा म तीन दिन को रस्ता पर जाय क अपनो परमेश्वर यहोवा लायी जसो ऊ हम सी कहेंन वसोच बलिदान चढ़ाबों।”
28 फिरौन न कह्यो, “मय तुम ख जान देऊं कि तुम अपनो परमेश्वर यहोवा लायी सुनसान जागा म बलिदान चढ़ावो; पर बहुत दूर मत जावो, अऊर तुम मोरो लायी प्रार्थना करो।”
29 मूसा न उत्तर दियो, “सुन, मय तोरो जवर सी बाहेर जाय रह्यो हय। मय परमेश्वर सी प्रार्थना करूं कि माखियों को झुण्ड तोरो, कर्मचारियों, अऊर प्रजा को जवर सी कल दूर हो; पर फिरौन फिर कपट सी हम्ख परमेश्वर लायी बलिदान करन ख जान देन लायी मना नहीं करे।”
30 मूसा फिरौन राजा को जवर सी निकल्यो अऊर परमेश्वर सी प्रार्थना करी।
31 अऊर परमेश्वर न मूसा को कहन को अनुसार माखियों को झुण्डों ख फिरौन, अऊर ओको कर्मचारियों, अऊर ओकी प्रजा सी दूर करयो; अऊर एक भी मक्खी नहीं रही।
32 पर फिरौन राजा न यो बार भी अपनो मन कठोर कर लियो, अऊर फिर ओन लोगों ख जान नहीं दियो।