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पाचवी विपत्ति
जनावर की मृत्यु
तब परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, “फिरौन राजा को जवर जाय क कह्य, ‘इब्रियों को परमेश्वर यहोवा न यो कह्य हय कि, मोरी प्रजा ख यहां सी जान देवो कि हि मोरी आराधना करेंन। यदि तय उन्ख नहीं जान देजो अऊर उन्ख अब भी पकड़्यो रखजो, त देख, तोरो जो घोड़ा, गधा, ऊंट, गाय-बईल, मेंढी-शेरी, अऊर जो जनावर मैदान म हंय, उन पर परमेश्वर को हाथ असो पड़ेंन कि एक भयानक महामारी फैलेंन। पर परमेश्वर इस्राएलियों को जनावर अऊर मिस्रियों को जनावर को बीच असो अन्तर कर देयेंन अऊर कोयी भी जनावर इस्राएलियों को नहीं मरेंन’।” तब परमेश्वर न एक समय ठहरायो, अऊर कह्यो, “मय यो काम कल मिस्र देश म करूं।” दूसरो दिन परमेश्वर न असोच करयो; अऊर मिस्र देश को पूरो जनावर मर गयो, पर इस्राएलियों को एक भी जनावर नहीं मरयो। अऊर फिरौन राजा न लोगों ख देखन भेज्यो, पर इस्राएलियों को एक भी जनावर नहीं मरयो होतो। तब भी फिरौन राजा को मन कठोर भय गयो, अऊर ओन इस्राएलियों ख जान नहीं दियो।
छटवी विपत्ति
फफोलों अऊर फोड़ा को निकलनो
फिर परमेश्वर न मूसा अऊर हारून सी कह्यो, “तुम भट्ठी सी मुट्टी भर राख लेवो, अऊर मूसा ओख फिरौन राजा को आगु राखड़ ख आसमान को तरफ उड़ाय देयेंन। तब राख धूल बन क पूरो मिस्र देश म आदमियों अऊर जनावर पर फोड़ा बन जायेंन।” 10 येकोलायी उन्न भट्ठी म की मुट्ठी भर राख उठायी, अऊर हि फिरौन को आगु खड़ो भयो, अऊर मूसा न हवा म आसमान को तरफ राखड़ उड़ाय दियो, अऊर वहां आदमियों अऊर जनावर पर फफोंला अऊर फोड़ा बन गयो। 11 येकोलायी उन जादूगर फोड़ा को वजह मूसा को आगु खड़ो नहीं भय सक्यो। कहालीकि पूरो मिस्रियों अऊर जादूगरों को शरीर पर भी फोड़ा भय गयो होतो। 12 पर परमेश्वर न फिरौन को मन ख कठोर कर दियो, जसो परमेश्वर न मूसा सी कह्यो होतो, ओन उन्की नहीं सुनी।
सातवी विपत्ति
गारगोटी की बारीश
13 तब परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, “कल सुबेरे उठ क फिरौन राजा को जवर जाय क यो कह्यजो की, ‘इब्रियों को परमेश्वर यहोवा यो कह्य हय : मोरो लोगों ख जान देवो कि हि मोरी आराधना कर सके। 14 कहालीकि अब की बार मय तोरो पर*, अऊर तोरो कर्मचारियों पर अऊर तोरी प्रजा पर विपत्तियां डालूं, जेकोसी तय जान लेजो की पूरो धरती पर मोरो जसो दूसरो कोयी भी नहाय। 15 मय न त अभी हाथ बढ़ाय क तोख अऊर तोरी प्रजा ख महामारियों सी मारयो होतो, अऊर धरती पर सी तोरो सत्यानाश भय गयो होतो। 16 पर मय न सचमुच तोख योच उद्देश सी येकोलायी जीन्दो रख्यो हय कि मय तोख अपनी सामर्थ दिखाऊं, अऊर मोरो नाम पूरी धरती म प्रसिद्ध हो जाये। 17 फिर तुम अब भी मोरी प्रजा को सामने अपनो आप ख बड़ो समझय हय, अऊर उन्ख जान नहीं देवय हय? 18 सुन, कल मय योच समय असो भारी गारगोटियों की भयंकर बारीश बरसाऊं; जसो मिस्र देश की स्थापना को दिन सी अब तक नहीं भयी हय। 19 येकोलायी अब लोगों ख भेज क अपनो सब जनावर ख अऊर तोरो जवर खुलो मैदानी क्षेत्र म हय, सब ख सुरक्षित जागा पर लिजाय क रख्यो जाये; नहीं त जितनो आदमी यां जनावर मैदान म असुरक्षित रह्य गयो हय, उन्ख घरों म नहीं जमा करयो जाये, नहीं त उन पर गारगोटी गिरेंन, अऊर हि मर जायेंन’।” 20 येकोलायी फिरौन को कुछ कर्मचारियों म सी जो लोग परमेश्वर को वचन को डर मानत होतो, उन्न अपनो अपनो सेवकों अऊर जनावर ख आसरा लेन लायी घरों को अन्दर ले आये। 21 पर जिन्न परमेश्वर को वचन पर ध्यान नहीं लगायो उन्न अपनो सेवक अऊर जनावर ख मैदान मच रहन दियो। 22 तब परमेश्वर न मूसा सी कह्यो, “अपनो हाथ आसमान की तरफ बढ़ा कि पूरो मिस्र देश को आदमियों, जनावरों, अऊर खेतो की पूरी हरियाली फसल पर गारगोटी गिरें।” 23 तब मूसा न अपनी लाठी आसमान को तरफ उठायो, अऊर परमेश्वर की सामर्थ सी बादर गर्जन लग्यो अऊर गारगोटी गिरन लगी अऊर बीजली भी धरती पर चमकन लगी। यो तरह परमेश्वर न मिस्र देश पर गारगोटी की बारीश करी। 24 जो गारगोटी को संग बीजली भी गिरत होती, मिस्र देश म असी गारगोटी की बारीश पहिले कभी नहीं गीरी होती। 25 गारगोटी न पूरो मिस्र देश को आदमियों अऊर जनावरों ख जो मैदान म होतो, नाश कर दियो। गारगोटी सी खेत की पूरी फसल नाश भय गयी, अऊर मैदान को सब झाड़ भी टूट गयो। 26 केवल गोशेन प्रदेश म, जित इस्राएली रहत होतो गारगोटी की बारीश नहीं भयी। 27 तब फिरौन राजा न मूसा अऊर हारून ख बुलायो, अऊर फिरौन न उन्को सी कह्यो, “मय न यो बार पाप करयो हय; परमेश्वर सच्चो हय, मय अऊर मोरी प्रजा झूठी हय। 28 परमेश्वर सी प्रार्थना करो। बादर को गर्जनों अऊर गारगोटी को बरसनो त बहुत भय गयो; अब तुम परमेश्वर सी बिनती करो; तब मय तुम लोगों ख जान देऊं, तुम लोगों ख यहां नहीं रोकूं।” 29 मूसा न फिरौन सी कह्यो, “जसोच मय नगर सी बाहेर जाऊं परमेश्वर की तरफ अपनो हाथ फैलाऊं, तब बादर को गर्जनों बन्द होय जायेंन अऊर गारगोटी फिर नहीं गिरेंन, जेको सी तय जान जाजो कि धरती परमेश्वर कीच आय। 30 तब भी मय जानु हय कि नहीं त तय अऊर नहीं तोरो कर्मचारी यहोवा परमेश्वर को डर नहीं मानय।” 31 सन अऊर अलसी की फसल बरबाद भय गयी, कहालीकि जौ की लोंब निकल गयी होती अऊर सन म कली अऊर फूल लग्यो होतो। 32 पर कोयी भी गहूं अऊर कठिया गहूं नाश नहीं भयो, कहालीकि ऊ बाद म पकय हय। 33 जब मूसा फिरौन राजा को जवर सी नगर को बाहेर निकल गयो अऊर परमेश्वर की तरफ अपनो हाथ फैलाय क प्रार्थना करयो, अऊर तुरतच बादर को गर्जनों अऊर गारगोटी को गिरनो बन्द भयो, फिर धरती पर बारीश नहीं भयी। 34 जब फिरौन राजा न देख्यो कि बारीश अऊर गारगोटी अऊर बादर को गर्जनों बन्द होय गयो, तब ओन फिर सी पाप करयो। ओन अऊर ओको सेवकों न अपनो मन कठोर कर लियो। 35 फिरौन राजा को मन कठोर होतो गयो, अऊर ओन इस्राएलियों ख जान नहीं दियो, जसो कि परमेश्वर न मूसा को द्वारा कह्यो होतो।
9:6 भजन ७८:५० 9:9 प्रकाशितवाक्य १६:२ 9:10 प्रकाशितवाक्य १६:२ * 9:14 तोरो दिल पर 9:16 रोमियों ९:१७ 9:23 भजन ७८:४७; प्रकाशितवाक्य ८:७; १६:२१