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 1 जो ख़ुदावन्द पर भरोसा करते वह कोह — ए — सिय्यून की तरह हैं,  
जो अटल बल्कि हमेशा क़ाईम है।   
 2 जैसे येरूशलेम पहाड़ों से घिरा है,  
वैसे ही अब से हमेशा तक ख़ुदावन्द अपने लोगों को घेरे रहेगा।   
 3 क्यूँकि शरारत का 'असा सादिकों की मीरास पर क़ाईम न होगा,  
ताकि सादिक बदकारी की तरफ़ अपने हाथ न बढ़ाएँ।   
 4 ऐ ख़ुदावन्द! भलों के साथ भलाई कर,  
और उनके साथ भी जो रास्त दिल हैं।   
 5 लेकिन जो अपनी टेढ़ी राहों की तरफ़ मुड़ते हैं,  
उनको ख़ुदावन्द बदकिरदारों के साथ निकाल ले जाएगा। इस्राईल की सलामती हो!