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 1 मुबारक है हर एक जो ख़ुदावन्द से डरता,  
और उसकी राहों पर चलता है।   
 2 तू अपने हाथों की कमाई खाएगा;  
तू मुबारक और फ़र्माबरदार होगा।   
 3 तेरी बीवी तेरे घर के अन्दर मेवादार ताक की तरह होगी,  
और तेरी औलाद तेरे दस्तरख़्वान पर ज़ैतून के पौदों की तरह।   
 4 देखो! ऐसी बरकत उसी आदमी को मिलेगी,  
जो ख़ुदावन्द से डरता है।   
 5 ख़ुदावन्द सिय्यून में से तुझ को बरकत दे,  
और तू उम्र भर येरूशलेम की भलाई देखे।   
 6 बल्कि तू अपने बच्चों के बच्चे देखे।  
इस्राईल की सलामती हो!