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 1 मैं पूरे दिल से तेरा शुक्र करूँगा;  
मा'बूदों के सामने तेरी मदहसराई करूँगा।   
 2 मैं तेरी पाक हैकल की तरफ़ रुख़ कर के सिज्दा करूँगा,  
और तेरी शफ़क़त औए सच्चाई की ख़ातिर तेरे नाम का शुक्र करूँगा।  
क्यूँकि तूने अपने कलाम को अपने हरनाम से ज़्यादा 'अज़मत दी है।   
 3 जिस दिन मैंने तुझ से दुआ की, तूने मुझे जवाब दिया,  
और मेरी जान की ताक़त देकर मेरा हौसला बढ़ाया।   
 4 ऐ ख़ुदावन्द! ज़मीन के सब बादशाह तेरा शुक्र करेंगे,  
क्यूँकि उन्होंने तेरे मुँह का कलाम सुना है;   
 5 बल्कि वह ख़ुदावन्द की राहों का हम्द गाएंगे  
क्यूँकि ख़ुदावन्द का जलाल बड़ा है।   
 6 क्यूँकि ख़ुदावन्द अगरचे बुलन्द — ओ — बाला है,  
तोभी ख़ाकसार का ख़याल रखता है;  
लेकिन मग़रूर को दूर ही से पहचान लेता है।   
 7 चाहे मैं दुख में से गुज़रूं तू मुझे ताज़ादम करेगा,  
तू मेरे दुश्मनों के क़हर के ख़िलाफ़ हाथ बढ़ाएगा,  
और तेरा दहना हाथ मुझे बचा लेगा।   
 8 ख़ुदावन्द मेरे लिए सब कुछ करेगा;  
ऐ ख़ुदावन्द! तेरी शफ़क़त हमेशा की है।  
अपनी दस्तकारी को न छोड़।