भजन-संहिता 33
हे धरमी मनखेमन, आनंद ले भर के यहोवा के गीत गावव;
ईमानदार मनखे बर ओकर परसंसा करई ह जंचथे।
बीना बजाके यहोवा के परसंसा करव;
दस तारवाले बीना बजाके ओकर परसंसा करव।
ओकर बर एक नवां गीत गावव;
कुसलता से बजावव, अऊ आनंद के मारे जय-जयकार करव।
 
काबरकि यहोवा के बचन ह सही अऊ सच अय;
ओह अपन हर काम म बिसवासयोग्य अय।
यहोवा ह धरमीपन अऊ नियाय ले मया करथे;
धरती ह ओकर अब्बड़ मया ले भरे हवय।
 
अकास-मंडल यहोवा के बचन के दुवारा
अऊ ओमन के तारागन ओकर मुहूं के सांस के दुवारा बनाय गीन।
ओह समुंदर के पानी ला एके ठऊर म रखथे;
अऊ गहिरा पानी ला भंडार म रखथे।
धरती के जम्मो मनखेमन यहोवा के भय मानंय;
संसार के जम्मो मनखेमन ओकर आदर करंय।
काबरकि ओकर कहे ले संसार ह बनिस;
ओह हुकूम दीस अऊ येह इस्थिर हो गीस।
 
10 यहोवा ह आनजात के मनखेमन के योजना ला बिगाड़ देथे;
ओह मनखेमन के उदेस्य म बाधा डाल देथे।
11 पर यहोवा के योजना ह हमेसा मजबूत बने रहिथे,
ओकर मन के उदेस्य ह पीढ़ी-पीढ़ी तक बने रहिथे।
 
12 धइन अंय ओ जाति के मनखेमन, जेमन के परमेसर यहोवा अय,
ओ मनखे, जेमन ला ओह अपन वारिस होय बर चुनिस।
13 स्वरग ले यहोवा ह खाल्हे निहारथे
अऊ जम्मो मानव-जाति ला देखथे;
14 अपन निवास स्थान ले ओह ओ जम्मो झन ला देखत रहिथे,
जऊन मन धरती म रहिथें—
15 ओ, जऊन ह जम्मो झन के हिरदय ला गढ़थे,
जऊन ह ओमन के करे गे जम्मो काम ऊपर बिचार करथे।
 
16 कोनो भी राजा अपन बड़े सेना होय के कारन नइं बचय;
कोनो भी योद्धा अपन बड़े बल के कारन बचके नइं जा सकय।
17 बचके निकले बर घोड़ा ऊपर आसा करई ह बेकार ए;
अपन अब्बड़ बल के बावजूद येह बचा नइं सकय।
18 पर यहोवा के नजर ह ओमन ऊपर लगे रहिथे, जऊन मन ओकर भय मानथें,
जऊन मन ओकर बड़े मया के कारन ये आसा लगाय रहिथें,
19 कि ओह ओमन ला मिरतू ले बचाही
अऊ अकाल के बेरा म घलो ओमन ला जीयत रखही।
 
20 हमन यहोवा के आस म बाट जोहत रहिथन;
ओहीच ह हमर मदद अऊ हमर ढाल ए।
21 ओहीच म ही हमर हिरदय ह आनंदित होथे,
काबरकि हमन ओकर पबितर नांव ऊपर भरोसा करथन।
22 हे यहोवा, जइसे हमन तोर ऊपर अपन आसा रखथन,
वइसे तोर बड़े मया ह हमर ऊपर बने रहय।