भजन-संहिता 144
दाऊद के भजन।
1 यहोवा, जऊन ह मोर चट्टान ए, ओकर परसंसा होवय,
जऊन ह मोर हांथ अऊ मोर अंगरीमन ला
लड़ई करे बर तियार करथे।
2 ओह मोर मयारू परमेसर अऊ मोर किला,
मोर मजबूत गढ़ अऊ मोर छुड़ानेवाला,
मोर ढाल ए, जेमा मेंह सरन लेथंव,
जऊन ह मनखेमन*जादा हस्तलिपि म मोर मनखेमन लिखाय हवय ला मोर अधीन कर देथे।
3 हे यहोवा, मनखेमन का अंय कि तेंह ओमन के खियाल रखथस?
ओमन सिरिप मरनहार मनखे अंय, जेमन के बारे म तेंह सोचथस।
4 ओमन तो सांस के सहीं अंय;
ओमन के उमर ह ढरत छइहां सहीं अय।
5 हे यहोवा, अपन स्वरग ला खाल्हे करके उतर आ;
पहाड़मन ला छू, ताकि ओमन ले धुआं निकलय।
6 बिजली कड़काके बईरी ला तितिर-बितिर कर दे;
अपन तीर चला अऊ ओमन ला हराके भगा दे।
7 ऊंच स्थान ले अपन हांथ बढ़ा;
भयंकर पानी ले
अऊ ओ परदेसीमन के हांथ ले
मोला छोंड़ा अऊ मोला बचा,
8 जेमन के मुहूं ले बहुंत लबारी बात निकलथे,
जेमन के जेवनी हांथ ह धोखा के काम करथे।
9 हे मोर परमेसर, मेंह तोर बर एक नवां गीत गाहूं;
दस तारवाले बीना ला मेंह तोर बर बजाहूं,
10 तें, जऊन ह कि राजामन ला जय देथस,
जऊन ह कि अपन सेवक दाऊद ला छोंड़ाथस।
धारवाले तलवार ले मोला बचा;
11 परदेसीमन के हांथ ले मोला बचा
जेमन के मुहूं ले बहुंत लबारी बात निकलथे,
जेमन के जेवनी हांथ ह धोखा के काम करथे।
12 तब हमर बेटामन अपन जवानी म
बढ़िया बढ़े हुए पऊधामन सहीं होहीं,
अऊ हमर बेटीमन ओ खंभामन सहीं होहीं
जेला महल के सजावट म नक्कासी करे जाथे।
13 हमर कोठारमन हर किसम के
अनाज ले भरे रहिहीं।
हमर भेड़मन हमर मैदान म हजार के संखिया,
दस हजार के संखिया म बढ़हीं;
14 हमर बईलामन भारी सामान खींचके ले जाहीं।†या हमर जाति के सरदार ह अटल बने रहिही
दीवार म कोनो किसम के सेंध नइं लगही,
कोनो बंधुवई म नइं जाही,
हमर गलीमन म दुख के कोनो अवाज नइं होही।
15 धइन अंय ओ मनखेमन, जेमन बर ये बात सही ए;
धइन अंय ओ मनखेमन, जेमन के परमेसर यहोवा ए।
*भजन-संहिता 144:2 जादा हस्तलिपि म मोर मनखेमन लिखाय हवय
†भजन-संहिता 144:14 या हमर जाति के सरदार ह अटल बने रहिही