याकूब
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याकूब
सोगत
बिस्वास कर परिक्छा
गरीबी अउ अमीर
परिक्छा
ओखर बचन सुना अउ ऊ रास्ता हे चला
पक्छपात के बिरोध चेतन्त
बिस्वास अउ करम
जीभ के बस हे करा
स्वरगी सिक्छा
दुनिया मन के बारे हे चेतन्त
भाई हे दोस लगाथै
घमंड के बारे हे चेतन्त
धन्नड मनसे के चेतन्त
दुख हे धीर धरिहा
बिस्वास के पराथना
याकूब
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